श्री केम्प हनुमानजी मंदिर
दर्शनार्थीयों के लिए मंदिर का दर्शन समय :
श्री केम्प हनुमानजी मंदिर सुबह 5.30 से रात्री के 11.30 बजे तक दर्शनार्थीयों के लिए खुला होता है ।
मंदिर में आरती का समय :
प्रभु श्री केम्प हनुमानजी की आरती एक अदभुत प्रसंग है और श्री केम्प हनुमानजी मंदिर में रविवार से शुक्रवार के दिनो में सुबह 6.30 बजे और शाम को 6.30 बजे, शनिवार के दिन सुबह 5.30 बजे और शाम को 5.30 बजे आरती होती है । (ग्रहण के दिनो में आरती के समय में बदलाव हो सकता है।)
आरती की प्रक्रिया :
सौप्रथम पुजारीजी के द्वारा श्री हनुमानजी एवं सभी भगवान को गंगाजल से स्नान कराया जाता है । उसके बाद श्री हनुमानजी एवं सभी भगवानों को चंदन और केसर चढाया जाता है एवं अत्तर का छंटकाव किया जाता है । उसके बाद आरती की तैयारी शुरु होती है । दिये, अगरबत्ती प्रगटायी जाती है । फूलों से शृंगार किया जाता है और आरती के हेतु सभी वाद्ययंत्र एवं शंख का उपयोग किया जाता है और श्री हनुमानजी की आरती वाद्ययंत्रो के साथ गायी जाती है । इस दौरान श्री हनुमानजी की मनपसंद श्री राम स्तुति का गान होता है । मंदिर में उपस्थित सभी भक्त अनन्य भाव से शामिल होते हैं । शनिवार के दिन श्री हनुमानजी का विशिष्ट श्रृंगार किया जाता है ।
सुबह की आरती के बाद भगवान को ड्राटफ्रुट एवं संपूर्ण खान-पान धराये जाते हैं । शाम की आरती में ड्रायफ्रूट एवं दूध का भोग अर्पण किया जाता है ।
साल 1953 से हर शनिवार की शाम आरती के साथ उपस्थित तमाम दर्शनार्थी की हाजरी में बेन्ड बजाता है और वातावरण पुलकित एवं धार्मिक बन जाता है । दिवस दौरान भक्तो द्वारा भाव से लाया गया प्रसाद, फल-श्रीफल और ईच्छानुसार तेल-सिंदुर, अडद के दाने और लविंग चढाया जाता है । भक्तों को मंदिर की ओर से यथाशक्ति अर्पित भेट के बदले में श्रीफल, सींग-साकरीया, मगस एवं बुंदी के लाडु प्रसाद के रुप में दीये जाते हैं ।
श्रीफल एवं श्रीफल का पानी चरणामृत भक्तों को नि:शुल्क दिया जाता है । तद्उपरांत काले धागे (नजर के लिए) और भगवान को चढाया गया तेल-सिंदूर से बना हुआ टीका (तिल्लक), भगवान को चढाया गया अत्तर एवं फूल नमन स्वरुप में दर्शनार्थीयों को दिया जाता है ।
अन्य प्रवृत्तियाँ
इस उपरांत श्री केम्प हनुमानजी मंदिर में हर मंगलवार के दिन शाम मंदिर परिसर में सुंदरकांड पाठ का आयोजन किया जाता है और प्रसंगोपात अखंड रामायण के पाठ का भी आयोजन कीया जाता है ।
भगवान को चढाया जानेवाला क्लेवर
श्री केम्प हनुमानजी मंदिर में हर महिने पूर्णिमा के एक दिन पहले शुक्ल पक्ष की चौदश के दिन भगवान श्री हनुमानजी को कलेवर (वरख) चढाया जाता है ।
श्री केम्प हनुमानजी मंदिर सुबह 5.30 से रात्री के 11.30 बजे तक दर्शनार्थीयों के लिए खुला होता है ।
मंदिर में आरती का समय :
प्रभु श्री केम्प हनुमानजी की आरती एक अदभुत प्रसंग है और श्री केम्प हनुमानजी मंदिर में रविवार से शुक्रवार के दिनो में सुबह 6.30 बजे और शाम को 6.30 बजे, शनिवार के दिन सुबह 5.30 बजे और शाम को 5.30 बजे आरती होती है । (ग्रहण के दिनो में आरती के समय में बदलाव हो सकता है।)
आरती की प्रक्रिया :
सौप्रथम पुजारीजी के द्वारा श्री हनुमानजी एवं सभी भगवान को गंगाजल से स्नान कराया जाता है । उसके बाद श्री हनुमानजी एवं सभी भगवानों को चंदन और केसर चढाया जाता है एवं अत्तर का छंटकाव किया जाता है । उसके बाद आरती की तैयारी शुरु होती है । दिये, अगरबत्ती प्रगटायी जाती है । फूलों से शृंगार किया जाता है और आरती के हेतु सभी वाद्ययंत्र एवं शंख का उपयोग किया जाता है और श्री हनुमानजी की आरती वाद्ययंत्रो के साथ गायी जाती है । इस दौरान श्री हनुमानजी की मनपसंद श्री राम स्तुति का गान होता है । मंदिर में उपस्थित सभी भक्त अनन्य भाव से शामिल होते हैं । शनिवार के दिन श्री हनुमानजी का विशिष्ट श्रृंगार किया जाता है ।
सुबह की आरती के बाद भगवान को ड्राटफ्रुट एवं संपूर्ण खान-पान धराये जाते हैं । शाम की आरती में ड्रायफ्रूट एवं दूध का भोग अर्पण किया जाता है ।
साल 1953 से हर शनिवार की शाम आरती के साथ उपस्थित तमाम दर्शनार्थी की हाजरी में बेन्ड बजाता है और वातावरण पुलकित एवं धार्मिक बन जाता है । दिवस दौरान भक्तो द्वारा भाव से लाया गया प्रसाद, फल-श्रीफल और ईच्छानुसार तेल-सिंदुर, अडद के दाने और लविंग चढाया जाता है । भक्तों को मंदिर की ओर से यथाशक्ति अर्पित भेट के बदले में श्रीफल, सींग-साकरीया, मगस एवं बुंदी के लाडु प्रसाद के रुप में दीये जाते हैं ।
श्रीफल एवं श्रीफल का पानी चरणामृत भक्तों को नि:शुल्क दिया जाता है । तद्उपरांत काले धागे (नजर के लिए) और भगवान को चढाया गया तेल-सिंदूर से बना हुआ टीका (तिल्लक), भगवान को चढाया गया अत्तर एवं फूल नमन स्वरुप में दर्शनार्थीयों को दिया जाता है ।
अन्य प्रवृत्तियाँ
इस उपरांत श्री केम्प हनुमानजी मंदिर में हर मंगलवार के दिन शाम मंदिर परिसर में सुंदरकांड पाठ का आयोजन किया जाता है और प्रसंगोपात अखंड रामायण के पाठ का भी आयोजन कीया जाता है ।
भगवान को चढाया जानेवाला क्लेवर
श्री केम्प हनुमानजी मंदिर में हर महिने पूर्णिमा के एक दिन पहले शुक्ल पक्ष की चौदश के दिन भगवान श्री हनुमानजी को कलेवर (वरख) चढाया जाता है ।
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