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Showing posts from May, 2019

कहानी

एक औरत अपने परिवार के सदस्यों के लिए रोजाना भोजन पकाती थी और एक रोटी वह वहां से गुजरने वाले किसी भी भूखे के लिए पकाती थी, वह उस रोटी को खिड़की के सहारे रख दिया करती थी जिसे कोई भीले सकता था . एक कुबड़ा व्यक्ति रोज उस रोटी को ले जाता और वजाय धन्यवाद देने के अपने रस्ते पर चलता हुआ वह कुछइस तरह बडबडाता "जो तुम बुरा करोगे वह तुम्हारे साथ रहेगा और जो तुम अच्छा करोगे वह तुम तक लौट के आएगा " दिन गुजर गए और ये सिलसिला चलता रहा ,वो कुबड़ा रोज रोटी लेके जाता रहा और न्ही शब्दों को बडबडाता "जो तुम बुरा करोगे वह तुम्हारे साथ रहेगा और जो तुम अच्छा करोगे वह तुम तक लौट के आएगा " वह औरत उसकी इस हरकत से तंग आ गयी और मन ही मन खुद से कहने लगी कि "कितना अजीब व्यक्ति है, एक शब्द धन्यवाद का तो देता नहीं है और न जाने क्या क्या बडबडाता रहता है , मतलब क्या है इसका एक दिन क्रोधित होकर उसने एक निर्णय लिया और बोली "मैं इस कुबड़े से निजात पाकर रहूंगी " और उसने क्या किया कि उसने उस रोटी में जहर मिला दीया जो वो रोज उसकेलिए बनाती थी और जैसे ही उसने रोटी को को खिड़की पर रखने कि कोशिश

कामयाब व्यक्ति

कामयाब व्यक्ति अपने चेहरे पर दो ही चीजे रखते है : मुस्कराहट और खामोशी मुस्कराहट – मसले को हल करने के लिए और  ख़ामोशी – मसलो से दूर रहने के लिए |

उत्‍तम विचार

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छोटी छोटी खुशियां ही तो जीने का सहारा बनती है ।। ख्वाहिशों का क्या वो तो पल-पल बदलती है। सबको गिला है, बहुत कम मिला है, जरा सोचिए… जितना आपको मिला है, उतना कितनों को मिला है