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Showing posts from April, 2020

हनुमान चालीसा का सिद्ध प्रयोग

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हम सभी गोस्वामी तुलसीदास द्वारा रचित  हनुमान चालीसा  की शक्ति और चमत्कार जानते है और आवशयकता अनुसार इसका प्रयोग करते है     . आज हम आपको  हनुमान चालीसा  का 1 सिद्ध प्रयोग बता रहे है जिसको करने से आपकी सभी मनोकामना  भगवन हनुमान  पूरी करते है. इस  हनुमान चालीसा के सिद्ध प्रयोग  को किसी भी मंगलवार या शनिवार को ही चालू करे और लगातार ७ मंगलवार या शनिवार करे प्रयोग सामग्री पीपल के 11 पत्ते 11 लाल गुलाब लाल चन्दन 1 नारियल 2 लौंग मिटटी का दिया सरसो का तेल बनारसी पान का बीड़ा 375 ग्राम मीठी बूंदी प्रयोग विधि मिटटी के दिए मै सरसो का तेल डाल कर उसमे २ लौंग डाल कर प्रज्वलित कर ले 375 ग्राम मीठी बूंदी मिटटी के प्याले मैं डाल कर हनुमानजी को भोग लगा दे बनारसी पान का बीड़ा हनुमानजी को अर्पित कर दे नारियल पर लाल चन्दन से स्वस्तिक का चिन्ह बनाकर हनुमानजी को अर्पित कर दे पीपल के 11 पत्ते लेकर साफ जल से धो लें। इन पत्तों पर लाल चंदन से प्रभु श्रीराम का नाम लिखें। इसके बाद ११ बार हनुमान चालीसा का पाठ करे हर हनुमान चालीसा के पाठ की समापती के बाद १ गुलाब का फूल और १ पीपल का पत

श्री हनुमान जी के 108 नाम

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ॐ अक्षहन्त्रे नमः ॐ अजराय नमः ॐ अनघाय नमः ॐ अनन्तमंगलाय नमः ॐ अनन्ताय नमः ॐ अन्जना गर्भसम्भूताय नमः ॐ अमराय नमः ॐ अर्थदाय नमः ॐ अविकाराय नमः ॐ अष्टमूर्तये नमः ॐ आञ्ज्नेयाय नमः ॐ ईश्वराय नमः ॐ उलूखल मुखाय नमः ॐ एकादशमुखाय नमः ॐ कपये नमः ॐ कपि सेना नायकाय नमः ॐ कपीशवराय नमः ॐ कविश्वराय नमः ॐ काञ्चानाभाय नमः ॐ कामगतये नमः ॐ काराग्रह विमोक्त्रे नमः ॐ केसरी सुताय नमः ॐ खण्डलाय नमः ॐ गिरधराय नमः ॐ घण्टाकर्णाय नमः ॐ चिरञ्जीवने नमः ॐ ज्ञानमूर्तये नमः ॐ ताराकाय नमः ॐ दशग्रीव कुलान्तकाय नमः ॐ दीर्घकायाय नमः ॐ धर्म प्रदाय नमः ॐ धर्मपालाय नमः ॐ धर्मराजाय नमः ॐ धर्मरूपाय नमः ॐ धर्माध्यक्षाय नमः ॐ धर्माय नमः ॐ धूमकेतवे नमः ॐ नंदीप्रियाय नमः ॐ निराकाराय नमः ॐ निष्कलाय नमः ॐ पञ्चवक्त्राय नमः ॐ पवन नन्दनाय नमः ॐ पीताम्बराय नमः ॐ प्रतापवते नमः ॐ प्रभवे नमः ॐ प्राज्ञाय नमः ॐ ब्रह्मणे नमः ॐ भीमाय नमः ॐ मंगलाय नमः ॐ मनोजवाय नमः ॐ महा तपसे नमः ॐ महाकायाय नमः ॐ महाकाल भैरवाय नमः ॐ महाकालाय नमः ॐ महाकेतवे नमः ॐ महाबल पराक्रमाय नमः ॐ महारथाय नमः ॐ मह

हनुमान जी के उपाय

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कलियुग में हनुमानजी अमरतत्व प्राप्त देवता है। इसीलिए वे साक्षात् अपने भक्तों की समस्याओं का समाधान कर उनकी रक्षा करते है। हिन्दू धरम शास्त्रों मैं कई सरल से  हनुमान जी के उपाय   बताये गए जो करने से हनुमान जी प्रसन्न होकर अपने भक्तो की सभी मनोकामनाये पूरी करते हैं हनुमान जी के उपाय    मंगलवार और शनिवार के दिन करने पर बहुत जल्दी सफल होते हैं। आज हम आपको बता रहे कुछ बहुत ही  चमत्कारी हनुमान जी के   उपाय   जो आप करके हनुमानजी से मनवांछित वरदान प्राप्त कर सकते हैं हनुमान जी के उपाय    करते समय पवित्रता का बहुत ख्याल रखे हनुमान जी के उपाय  धन प्राप्ति के लिए  हनुमान जी के  उपाय  रोज रात को सोते समय हनुमान जी की तस्वीर के सामने मिटटी के दीपक मैं सरसों के तेल का दिया जलायें और हनुमान चालीसा का पाठ करें। अपने घर की उत्तर दिशा की दिवाल पर हनुमान जी तस्वीर टाँगे जिससे उनका मुख दक्षिण दिशा की तरफ देखते हुए हो, और उस तस्वीर की रोज पूजा करे। हर मंगलवार/शनिवार को हनुमान मंदिर मैं जाकर हनुमान जी को बनारसी पान अर्पित करे हर मंगलवार/शनिवार को हनुमान मंदिर मैं जाकर ११ बार हनुमान चाली

हनुमानजी के चमत्कारी मंत्र

हनुमानजी के चमत्कारी मंत्र जो आपके जीवन के समस्त संकटो को दूर कर आपका जीवन खुशियों से भर देंगे. इन मंत्रो की सही विधि का सही विधि से जाप करे औरहनुमानजी प्रसन्न होकर आप पर कृपा बरसायेंगे | भय नाश करने के लिए हनुमान मंत्र : हं हनुमंते नम: प्रेत भुत बाधा दूर करने के लिए मंत्र : हनुमन्नंजनी सुनो वायुपुत्र महाबल:। अकस्मादागतोत्पांत नाशयाशु नमोस्तुते।। द्वादशाक्षर हनुमान मंत्र : ॐ हं हनुमते रुद्रात्मकाय हुं फट्। मनोकामना पूर्ण करवाने के लिए मानता : महाबलाय वीराय चिरंजिवीन उद्दते। हारिणे वज्र देहाय चोलंग्घितमहाव्यये।। शत्रुओ और रोगों पर विजय पाने के लिए : ऊँ नमो हनुमते रूद्रावताराय सर्वशत्रुसंहारणाय सर्वरोग हराय सर्ववशीकरणाय रामदूताय स्वाहा संकट दूर करने का हनुमान मंत्र : ऊँ नमो हनुमते रूद्रावताराय सर्वशत्रुसंहारणाय सर्वरोग हराय सर्ववशीकरणाय रामदूताय स्वाहा कर्ज से मुक्ति के लिए मंत्र :  ऊँ नमो हनुमते आवेशाय आवेशाय स्वाहा।

"भोजन और भजन"*

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🍁 ⛪ 👏 👏 👏 👏 👏 ⛪ 🍁 *एक सेठ के घर के बाहर खड़ा होकर भजन गा रहा था और बदले में खाने को रोटी मांग रहा था। सेठानी काफी देर से उसको कह रही थी,आ रही हूँ। रोटी हाथ मे थी पर फिर भी कह रही थी की रुको आ रही हूँ। भिखारी भजन गा रहा था और रोटी मांग रहा था।* *सेठ ये सब देख रहा था, पर समझ नही पा रहा था, आखिर सेठानी से बोला, "रोटी हाथ में लेकर खडी हो, वो बाहर मांग रहा है, उसे कह रही हो आ रही हूँ तो उसे रोटी क्यो नही दे रही हो ?"* *सेठानी बोली, "हाँ रोटी द ूँगी, पर क्या है ना की मुझे उसका भजन बहुत प्यारा लग रहा हैं, अगर उसको रोटी दूँगी तो वो आगे चला जायेगा। मुझे उसका भजन और सुनना है।"* *यदि प्रार्थना के बाद भी भगवान आपकी नही सुन रहे हैं तो समझना की उस सेठानी की तरह प्रभु को आपकी प्रार्थना प्यारी लग रही है, इसलिये इंतजार करो और प्रार्थना करते रहो।* *जीवन मे कैसा भी दुख और कष्ट आये पर भक्ति मत छोड़िए। क्या कष्ट आता है तो आप भोजन करना छोड देते हैं ? क्या बीमारी आती है तो आप सांस लेना छोड देते हैं ? नही ना ? फिर जरा सी तकलीफ आने पर आप भक्ति करना क्यों छोड़ देते हो ?* *कभी

हनुमानजी की उड़ने की गति कितनी थी

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🐦 🌻 🐦 🌻 🐦 🌻 🐦 🌻 🐦 🌻 🐦 🌻 🐦 🌻 💓 जानिए हनुमानजी की उड़ने की गति कितनी रही होगी उसका अंदाजा आप लगा सकते हैं की रात्रि को 9:00 बजे से लेकर 12:00 बजे तक लक्ष्मण जी एवं मेघनाद का युद्ध हुआ था। मेघनाद द्वारा चलाए गए बाण से#लक्ष्मण जी को शक्ति लगी थी लगभग रात को 12:00 बजे के करीब और वो मूर्छित हो गए थे। रामजी को लक्ष्मण जी मूर्छा की जानकारी मिलना फिर दुखी होने के बाद चर्चा जे उपरांत हनुमान जी & विभीषणजी के कहने से सुषेण वैद्य को लंका से लेकर आए होंगे 1 घंटे में अर ्थात 1:00 बजे के करीबन। सुषेण वैद्य ने जांच करके बताया होगा कि हिमालय के पास द्रोणागिरी पर्वत पर यह चार औषधियां मिलेगी जिन्हें उन्हें सूर्योदय से पूर्व 5:00 बजे से पहले लेकर आना था ।इसके लिए रात्रि को 1:30 बजे हनुमान जी हिमालय के लिए रवाना हुए होंगे। हनुमानजी को ढाई हजार किलोमीटर दूर हिमालय के द्रोणगिरि पर्वत से उस औषधि को लेकर आने के लिए 3:30 घंटे का समय मिला था। इसमें भी उनका आधे घंटे का समय औषधि खोजने में लगा होगा ।आधे घंटे का समय कालनेमि नामक राक्षस ने जो उनको भ्रमित किया उसमें लगा होगा एवं आधे घंटे क