कष्टभंजन हनुमान मंदिर
में भावनगर के पास सारंगपुर में हनुमानजी का एक प्राचीन मंदिर है। इसे कष्टभंजन हनुमान मंदिर कहा जाता है। इस मंदिर की एक खास बात ये है कि यहां हनुमानजी के साथ ही शनिदेव स्त्री रूप में भी विराजित हैं। शनिदेव हनुमानजी के चरणों में बैठे हैं। इस संबंध में यहां एक कथा प्रचलित है।
जानिए हनुमान और शनिदेव के इस मंदिर से जुड़ी कुछ खास बातें...
> यहां प्रचलित कथा के अनुसार प्राचीन समय में शनिदेव का प्रकोप काफी बढ़ गया था। शनि के प्रकोप के कारण सभी लोगों को कई दुखों और परेशानियों का सामना करना पड़ा रहा था। शनि से बचाने के लिए भक्तों ने हनुमानजी से प्रार्थना की।
> भक्तों की प्रार्थना सुनकर हनुमानजी शनिदेव पर क्रोधित हो गए और उन्हें दंड देने का निश्चय किया। जब शनिदेव को यह बाच पता चली तो वे बहुत डर गए और हनुमानजी के क्रोध से बचने के लिए उपाय सोचने लगे।
> शनिदेव ये बात जानते थे कि हनुमानजी बाल ब्रह्मचारी हैं और वे स्त्रियों पर हाथ नहीं उठाते हैं। इसलिए, हनुमानजी के क्रोध से बचने के लिए शनिदेव ने स्त्री का रूप धारण कर लिया और हनुमानजी के चरणों में गिरकर क्षमा मांगने लगे। हनुमानजी ने शनिदेव को क्षमा कर दिया।
> इस मंदिर में इसी प्रसंग के आधार पर शनिदेव को हनुमानजी के चरणों में स्त्री रूप में पूजा जाता है। भक्तों के कष्टों का निवारण करने की वजह से इस मंदिर को कष्टभंजन हनुमान मंदिर के नाम से जाना जाता है।
> अगर किसी की कुंडली में शनि दोष हों तो कष्टभंजन हनुमान के दर्शन और पूजा-अर्चना करने से सभी दोष खत्म हो जाते है। इसी वजह से इस मंदिर में सालभर भक्तों की भीड़ लगी रहती हैं।
किले की तरह दिखता है मंदिर परिसर
> सारंगपुर में कष्टभंजन हनुमान मंदिर का परिसर बहुत विशाल है। यह किसी किले के समान दिखाई देता है। ये मंदिर अपने पौराणिक महत्व के साथ-साथ मंदिर की सुंदरता और भव्यता के लिए भी प्रसिद्ध है। कष्टभंजन हनुमानजी सोने के सिंहासन पर विराजमान हैं और उन्हें महाराजाधिराज के नाम से भी जाना जाता है। हनुमानजी की प्रतिमा के आसपास वानर सेना दिखाई देती है।
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