हनुमान धारा, चित्रकूट, उत्तर प्रदेश
उत्तर प्रदेश के सीतापुर नामक स्थान के समीप यह हनुमान मंदिर स्थापित है। सीतापुर से हनुमान धारा की दूरी तीन मील है। हनुमान धारा वर्तमान में यह चित्रकूट स्थान उत्तर प्रदेश के बांदा जिले की करवी (कर्वी) तहसील तथा मध्यप्रदेश के सतना जिले की सीमा पर स्थित है। चित्रकूट का मुख्य स्थल सीतापुर है जो कर्वी से आठ किलोमीटर की दूरी पर है। उत्तर प्रदेश के सीतापुर नामक स्थान के समीप यह हनुमान मंदिर स्थापित है।यह स्थान पर्वतमाला के मध्यभाग में स्थित है। पहाड़ के सहारे हनुमानजी की एक विशाल मूर्ति के ठीक सिर पर दो जल के कुंड हैं, जो हमेशा जल से भरे रहते हैं और उनमें से निरंतर पानी बहता रहता है। इस धारा का जल हनुमानजी को स्पर्श करता हुआ बहता है। इसीलिए इसे हनुमान धारा कहते हैं।
धारा का जल पहाड़ में ही विलीन हो जाता है। उसे लोग प्रभाती नदी या पातालगंगा कहते हैं। इस स्थान के बारे में एक कथा इस प्रकार प्रसिद्ध है- श्रीराम के अयोध्या में राज्याभिषेक होने के बाद एक दिन हनुमानजी ने भगवान श्रीरामचंद्र से कहा- हे भगवन। मुझे कोई ऐसा स्थान बतलाइए, जहां लंका दहन से उत्पन्न मेरे शरीर का ताप मिट सके। तब भगवान श्रीराम ने हनुमानजी को यह स्थान बताया।
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